BJP 400 के पार में क्या है पश्चिम बंगाल का गणित
09 February, 2024
पश्चिम बंगाल की पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हिंदी. इन दोनों परेशान है. बंगाल में वोटरों के बीच किए गए एक सर्वे में 55% लोगों ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के लिए अपनी पहली पसंद बताया है. और इससे भी बड़ी बात ये है कि इसी सर्वे में 5% लोगों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रधानमंत्री पद के लिए अपनी पसंद बताया है. अगर यह सर्वे सही निकलता है तो इसका मतलब यह है कि पश्चिम बंगाल की जनता का एक बड़ा हिस्सा प्रधानमंत्री के पद के लिए बीजेपी को वोट दे सकता है.
और खास बात ये है कि इस सर्वे को ममता की खुद की पार्टी TMC यानी तृणमूल कांग्रेस ने ही कराया है। ममता और राहुल गांधी इस लिस्ट में कहां हैं इस पर बात करने के पहले जरा वहां के हालात को समझ लेते हैं।
ममता बनर्जी ने राज्य में किसी भी तरह की से सीट एडजस्टमेंट से पहले ही इनकार कर दिया है मतलब वो इंडिया गठबंधन के साथ समझौता नहीं कर ही हैं। इसका मतलब ये है कि जितने भी लोग बीजेपी के खिलाफ वोट करना चाहते हैं उनके वोट ममता की पार्टी टीएमसी, कांग्रेस और लेफ्ट के बीच ना बंट जाएं इसकी भी तैयारी ममता को करनी है।
ममता की पार्टी को 2019 के चुनाव में 22 सीटें मिली थीं जबकि बीजेपी को 18 सीटें मिली थीं, अब ममता बनर्जी नहीं चाहती हैं कि बीजेपी 2024 के चुनाव से वापस से केन्द्र की सत्ता में आए.
अब ममता बनर्जी को यह तो पता था कि नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता बढ़ रही है लेकिन उनको यह नहीं पता था कि पश्चिम बंगाल में मोदी की लोकप्रियता इतनी ज्यादा अधिक है. ममता के लिए इससे भी बड़ी दिक्कत की बात ये है कि केवल 20 से 25% लोगों ने ही ममता बनर्जी को प्रधानमंत्री पद का सही उम्मीदवार माना है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनने के पक्ष में सिर्फ 10 से 15% लोगों ने ही सर्वे में वोट डाला है.
इसी बीच इंडिया टुडे के एक सर्वे ने ये कह दिया है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में ममता को 43 परसेंट मिलेंगे और बीजेपी को 40 परसेंट वोट। मतलब TMC और BJP के बीच वोटों का अंतर काफी कम होकर अब केवल 3 परसेंट ही रह गया है। अगर ऐसे में कांग्रेस के 9 परसेंट वोट का कुछ हिस्सा भी बीजेपी के पास चला गया तो ममता मुसीबत में पड़ सकती हैं। इसके अलावा 2019 के चुनाव में जिस तरह से लेफ्ट पार्टियों के वोटरों ने जिस तरह से बीजेपी को वोट दिया था वो भी ममता की चिन्ता को दोगुना कर रहा है।
वैसे, बंगाल पर अभी तक ममता की पकड़ मजबूत दिखाई रही है। विधानसभा चुनाव में उन्होंने जिस तरह की मेजोरिटी पाई है उसे साफ है कि उनकी पकड़ अभी कमजोर नहीं हुई है. विधानसभा चुनाव के बाद जब बंगाल में पंचायत चुनाव हुए थे तो भी ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस को भारी बहुमत मिला था. लेकिन सभी लोगों की तरह ममता बनर्जी भी इस बात को समझती हैं कि इस देश का वोटर लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में कई बार एकदम अलग-अलग तरीके से वोट डालता है.
इसीलिए ममता अपने सांसदों के कामकाज और लोकप्रियता पर भी नजर बनाए हुए हैं। इसीलिए उन्होंने जब अपनी पार्टी की तरफ से सर्वे कराया तो सांसदों के बारे में बी सवाल पूछा, और इसमें भी कोई अच्छी खबर नहीं निकली। सर्वे में तृणमूल कांग्रेस के ज्यादातर सांसदों की लोकप्रियता काफी कम दिखी है।
उनकी पार्टी की नेता नुसरत जहां जो कि एक एक्टर भी है उनको सिर्फ 20% लोगों ने ही समर्थन देने की बात कही और कहा कि वो नुसरत के कामकाज से वह बुरी तरह नाराज हैं. नुसरत ममता की काफी करीबी मानी जाती रही हैं र उनकी लोकप्रियता के भरोसे ही ममता ने खुद उनको टिकट दिया था। इसके अलावा भी कई मौजूदा सांसदों से जनता खुश नहीं है. यही वजह है कि अब ममता बनर्जी खुद हर लोकसभा सीट के बारे में अपने स्तर पर जानकारी निकाल रही है ताकि वह यह तय कर सके कि उन्हें अपने कितने मौजूदा सांसदों को टिकट नहीं देना है.
TMC के सांसदों में से डायमंड हार्बर के सांसद और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को काफी ज्यादा वोट मिले और एक 80% लोगों ने कहा कि उनका कामकाज बहुत अच्छा है और वह उन्हें पसंद है.
लेकिन इसी सर्वे में एक ममता बनर्जी को परेशान करने वाली एक और बात सामने आई है और वो ये है कि पूरे पश्चिम बंगाल में जिस सांसद को सबसे ज्यादा लोगों ने अच्छा सांसद माना है और अपने समर्थन देने की बात की है उसका नाम है अधीर रंजन चौधरी जो कि कांग्रेस के नेता हैं। मतलब ये कि 42 में से कम से कम एक सीट तो कांग्रेस के पास ही रहने वाली है।
लेकिन सर्वे में कांग्रेस का प्रभाव बाकी सीटों पर नहीं दिखा है। जिससे ममता बनर्जी को यह समझ में आ चुका है कि कांग्रेस का साथ लेकर उनको कोई बहुत ज्यादा फायदा नहीं होने वाला है शायद इसीलिए इंडिया गठबंधन से उन्होंने नाता तोड़ लिया है.
अब इस हालत में ममता बनर्जी के पास इसके सिवाय कोई रास्ता नहीं है कि वह पूरी ताकत से अपनी इस कोशिश में लग जाएं कि बीजेपी विरोधी वोट उनको ही मिलें। हो सकता कि इस बीजेपी विरोधी वोटर को लुभाने के लिए ममता और कुछ कदम उठाएं।
तो ये था हमारा आज का वीडियो। आपको क्या लगता है, क्या बीजेपी ममता के किले को तोड़ पाएगी, क्या उसको लोकसभा की 400 सीटें मिलेंगी। हमें अपनी राय नीचे कमेंट कर के बताएं। साथ ही, अगर अभी तक चैनल को सब्सक्राइब नहीं किया है तो कर लें। नमस्कार। कल फिर मिलते हैं एक नए वीडियो के साथ ।